इनसाइट न्यूज 24 : देश के कई हिस्सों में सर्दी की शुरुआत के साथ ही वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुँच गया है। राजधानी दिल्ली, हरियाणा के कैथल, और उत्तर प्रदेश के बागपत जैसे शहरों में हवा की गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, मौसमी परिवर्तन, पराली जलाना और वाहन उत्सर्जन इस स्थिति के प्रमुख कारण हैं।
दिल्ली में बुधवार को औसत AQI 370 के आसपास रहा, जबकि कुछ इलाकों में यह 400 के पार चला गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानकों के अनुसार, 50 से अधिक का AQI स्तर अस्वस्थ श्रेणी में आता है। इसके बावजूद राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर उससे कई गुना अधिक दर्ज किया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने लोगों को बाहर की गतिविधियों में कमी करने, सुबह की सैर टालने और बच्चों व बुजुर्गों को घर के भीतर रहने की सलाह दी है। सरकार की ओर से निर्माण कार्यों पर नियंत्रण और डीज़ल वाहनों के उपयोग पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रदूषण संकट से निपटने के लिए दीर्घकालिक नीति और जनजागरूकता आवश्यक है। उनका मानना है कि केवल आपातकालीन कदमों से नहीं, बल्कि शहरों में स्वच्छ ऊर्जा और हरित परिवहन को बढ़ावा देकर ही स्थिति में सुधार लाया जा सकता है।
आने वाले कुछ दिनों में हवा की गति में कमी और तापमान में गिरावट से प्रदूषण स्तर और बढ़ने की आशंका जताई गई है। ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने मास्क का उपयोग, एयर प्यूरीफायर के प्रयोग और घर में पौधे लगाने की सलाह दी है ताकि प्रदूषण के दुष्प्रभावों को कुछ हद तक कम किया जा सके।



