इनसाइट न्यूज 24 : महाराष्ट्र सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए उन ज़मीनों को वैध घोषित करने का निर्णय लिया है, जो अब तक “फ़्रैग्मेंटेशन एंड कंसॉलिडेशन ऑफ़ होल्डिंग्स एक्ट, 1947” के तहत विभाजन-रोधी नियमों में फंसी हुई थीं। सरकार के इस निर्णय से लगभग 49 लाख भूखंड नियमित किए जाएंगे, जिससे करीब दो करोड़ लोगों को सीधा लाभ मिलने की संभावना है।
यह कदम उन नागरिकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है जो वर्षों से अपनी ज़मीन का नामांतरण, बिक्री या पंजीकरण नहीं करा पा रहे थे। अब ये सभी प्लॉट भूमि अभिलेखों (7/12 दस्तावेज़) में दर्ज किए जा सकेंगे।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह फैसला न केवल ग्रामीण इलाकों में विकास को गति देगा बल्कि शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी संपत्ति संबंधी विवादों को कम करेगा। भूमि मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि यह प्रक्रिया पारदर्शी होगी और राज्य सरकार जल्द ही इसके लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू करेगी।
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस सुधार से रियल एस्टेट बाजार को भी मजबूती मिलेगी, क्योंकि अब निवेशक और डेवलपर्स को कानूनी रूप से पंजीकृत ज़मीनों पर निर्माण करने में सुविधा होगी।
यह निर्णय किसानों और आम नागरिकों के लिए भूमि सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल माना जा रहा है, जो भूमि स्वामित्व से जुड़े पुराने विवादों को खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम है।



